इन दिनों हम देख रहे है कि शादियां चल रही हैं और ब्यूटी पॉर्लर इन शादियों के रंग में भंग डाल रहे हैं। दूल्हा-दुल्हन को तैयार करने में इतना अधिक समय लग जाता है कि वे रात 11 से 12 तक मंच पर पहुंचते हैं तब तक परिवार के कुछ सदस्य ही बचते हैं और बुलाए गए अधिकांश मेहमान लौट चुके होते हैं।
8 बजे से आने लगते है मेहमान
शादियों में आशीर्वाद समारोह जिसे रिसेप्शन भी कहते हैं वह मुख्य कार्यक्रम होता है और परिवार के सदस्य अपने मिलने वालों को घर-घर जाकर आमंत्रण देते हैं तथा फोन करके बुलाते हैं। अमूमन 8 बजे से मेहमानों का आना शुरू हो जाता है लेकिन कई बड़ी शादियों में रात साढ़े 11 तक स्टेज वर-वधु नहीं मिलते और यदि 10 बजे वे आ भी जाते हैं तो मंच तक लाने और वरमाला में ही एक घंटा लग जाता है।
खास बात
आने वाले मेहमान 10 बजे बाद लौटने लगते हैं और सभी वर-वघु के घर वालों से दूल्हा-दुल्हन के बारे में पूछते रहते हैं तथा लिफाफे और गिफ्ट घर के लोगों को ही थमाकर चले जाते हैं या फिर वर-वधु के नहीं आने पर टेबल लगाकर लिफाफे लेने वालों को बैठाया जाता है, इस सब घटनाक्रम से विवाह समारोह में असहज स्थिति बन जाती है और आए दिन इस तरह के शादी के कार्यक्रमों में यह देखने में आ रहा है कि दुल्हनें स्टेज पर बैठने से पहले सजने के लिए ब्यूटी पॉर्लर पर पहुंचती हैं लेकिन यहाँ पर पहले से ही भीड़ रहती है और उनकी बारी आने तक समय अधिक हो चुका होता है।
खाली नजर आता है स्थल
उल्लेखनीय है कि स्टेज पर दूल्हा-दुल्हन पूरी तरह से श्रृंगारित हुए बिना बैठना नहीं चाहते और इस वजह से यह हालात बनते रहते हैं। शादी के रिसेप्शन का कार्यक्रम शाम 7 बजे बाद शुरू हो जाता है और मेहमानों का आना भी शुरू हो जाता है लेकिन रिसेप्शन स्थल पर दावत तो चलती रहती है लेकिन स्टेज खाली नजर आता है और आने वाले मेहमान बिना दूल्हा-दुल्हन को देखे ही वापस लौट जाते हैं। इस तरह के वाकिये इन दिनों करीब-करीब हर शादी में देखने को मिल रहे हैं क्योंकि अधिक विवाह समारोह के आयोजन होने के चलते ब्यूटी पॉर्लरों पर भीड़ अधिक बढ़ रही है और दुल्हनों का मेकअप समय पर नहीं हो पाता। कई जगह तो 12 बजे तक ही दूल्हा दुल्हन पहुंच पाते हैं।