महिलाओं के जीवन में जैसा कि हम सभी जानते है कि सोलह शृंगार का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। वहीं, कुछ त्यौहार ऐसे पड़ते है। जिसमें महिलाओं यह श्रंगार का ज्यादा महत्व होता है। वह इसलिेए कि सोलह श्रंगार में सर से लेकर पांव तक सदा सुहागन रहने के आर्शिवाद से लेकर और भी बहुत कुछ आता है। बाकि हिन्दू धर्म-संस्कृति में सोलह श्रंगार का अपना ही महत्त्व होता है। वहीं, यह श्रंगार का स्वास्थ्य पर भी बहुत असर पड़ता है।
सिंदूर धारण कर ले सही निर्णय
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो एक सुहागन स्त्री जब अपनी मांग में सिंदूर धारण करती है तो उसका सहस्र चक्र सक्रिय हो जाता है। जो उसे एकाग्रता से सही सूझबूझ से सही निर्णय लेने में सफलता प्रदान करता है।
ऊर्जावान बनाएं बिंदी
वहीं, महिलाओं के माथें पर लगने वाली बिंदी की बात करें तो यह सुख समृद्धि से जोड़कर भी देखा जाता है। क्योंकि यह महिलाओं के आध्यात्मिक और ऊर्जावान बने रहने में भी सहायक साबित होती है। वहीं, बिंदी लगने से चेहरे की मांसपेशियों मजबूत होती है। जिससे झुर्रियों कम आती है। वहीं, जब तनाव जैसी स्थिति उतपन्न होती है तो बिंदी वाला हिस्सा ही इसे शांत करती है। बाकि बिंदी लगाने से चेहरा, गर्दन व पीठ की मांसपेशियों को आराम मिलता है। जिससे अनिद्रा जैसी समस्या भी समाप्त हो जाती है।
काजल बचाएं तमाम चीजों से
महिलाओं के आंखो में लगने वाले काजल की बात करें तो इसको लगाने से पूरे चेहरे पर एक रौनक सी आ जाती है। जहां काजल लगने से आंखों की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ बुरी नजर से भी बचाएं रखता है। जहां काजल आंखों के कई रोगों से बचाएं रखता है। सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों और धूल-मिट्टी से भी काजल हमारी आंखों को सुरक्षा भी प्रदान करने का काम करता है।
नथ पहनने के है ये फायदें
अगर बात करें नथ की तो यह माता पार्वती के सम्मान स्वरूप पहना जाता है। जहां ऐसा भी माना जाता है कि सुहागन स्त्री के नथ पहनने से उसके पति के स्वास्थ्य और धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती जाती है। दरअसल, जिस प्रकार शरीर के अलग-अलग हिस्सों को दबाने से एक्यूप्रेशर का फायदा मिलता है। ठीक उसी तरह नाक छिदवाना भी एक एक्यूप्रेशर पद्धति कहलाता है। जानकारी के लिए बता दें कि नथ पहनने से श्वास संबंधी रोगों, कफ, सर्दी और मासिक धर्म से जुड़ी तकलीफों में फायदा होता है।